पड़ा ‘पवतत ताटरणी, तेरी जय जय’। िह वबना ककिी प्रयाि क े, अपने अिंदर क े मिंकदर ही आप - े े गया चला, मानो उि ककिी शवक्त ने मिंकदर क े अिंदर धकल कदया हो।