Page 3 - LN-Dharm Ki Aad-1
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                                                                                          े
                                  ं
               धम  मानने क   वत ता होनी चािहए । लेखक कहता है  क दो िभ  धम  क मानने वाल  क
                                                                                        े

                             े
               टकरा  जाने क  िलए इस  देश म   कोई  भी   थान न  हो।  य द  कसी  धम क  मानने  वाले  कह
               ज़बरद ती टाग अड़ाते ह , तो उनका इस  कार का काय देश क   वत ता क िव   समझा

                            ँ
                                                                                           े
                                                                                     ं
               जाना चािहए।

                       श द                     अथ                     श द                    अथ



                      उ पात           खुरापात                        वािजब           सही, उिचत



                       ईमान           स ाई                            बेजा           गलत



                                                                                                     े
                        दोष           गलती                         बो शेिव म         सोिवयत  ांित क
                                                                                     बाद लेिनन क नेतृ व
                                                                                                  े
                                                                                     म   थािपत  व था
                      जािहल           मूख                            धना             धनवान


                       सुगम           आसान                         वाथ  िसि          अपना  वाथ  िस

                                                                                     करना
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