Page 3 - LESSON NOTES - TOPI SHUKLA - 2
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का भरता । अ ी ! यह श सनत ही मज़ पर बठ सभी लोग चौंक गए, उनक हाथ
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खाना खात-खात क गए। व सभी लोग टोपी क चहर की ओर दखन लग । सभी यह
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सोच रह थ िक यह “अ ी” श इस घर म कस आया। ऐसा लग रहा था जस रीित-
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रवाजों की दीवार िहलन लगी हो । उस िदन टोपी की बड़ी दगित बनी । सभ ादवी तो
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उसी व खान की मज़ स उठ गईं और रामदलारी न टोपी को िफर ब त मारा ।
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लड़ाई का दसरा िदन था इसिलए जब टोपी क िपता डॉ र भग नारायण नील े
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तल वाल को यह पता चला िक टोपी न कल र साहब क लड़क स प ी दो ी कर
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ली ह (कहन का अथ ह िक इ न क िपता कल र थ) तो वह अपना ग ा पी गए
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और तीसर ही िदन टोपी की दो ी का फायदा उठा कर उ ोंन इ न क िपता स े
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कपड़ और श र क परिमट (अनमित जो सरकार ारा आिधका रक तौर पर िल खत
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प म दी जाती ह) ल िलए । िजस िदन सभी को पता चला था िक टोपी न एक म म
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लड़क स दो ी कर रखी ह, तो उस िदन टोपी की बड़ी बरी दशा ई थी । टोपी की
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दादी सभ ादवी तो उसी व खान की मज़ स उठ गई थी और टोपी की मा रामदलारी
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न टोपी को िफर ब त मारा था और एक ही बात बार-बार पछ रही थी िक ा अब वह
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इ न क घर जाएगा ? इसक उ र म हर बार टोपी “हा” ही कहता था। रामदलारी
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उसक हर बार “हा” कहन पर कहती थी िक वह उसकी हा को िम ी म िमला दगी।
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टोपी की मा टोपी को मारत-मारत थक गई पर टोपी न यह नहीं कहा िक वह इ न
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क घर नहीं जाएगा। म ी बाब और भरव जो टोपी क भाई थ, व टोपी की िपटाई का
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तमाशा दखत रह। उसी समय म ी बाब एक और बात जोड़ कर बोल िक एक िदन
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टोपी को उ ोंन रहीम कबाबची की दकान पर कबाब खात दखा था । कबाब का नाम
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सनत ही टोपी की मा रामदलारी नफ़रत क साथ दो कदम पीछ हट गई और “राम,
राम, राम” कहन लगी ।
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िजस िदन टोपी की िपटाई ई थी, उस िदन टोपी ब त उदास रहा। टोपी अभी
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इतना बड़ा नहीं आ था िक वह झूठ और सच को सािबत करन की कोिशश करता
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और स ी बात तो यह ह िक वह इतना बड़ा कभी हो भी नहीं सका। दसर िदन जब
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टोपी ल गया और ल म इ न स िमला तो उसन उस िपछल िदन की सारी बात
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बता दी । दोनों भगोल शा की क ा को छोड़कर बाहर िनकल गए। टोपी ब त ही
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भोलपन स इ न स कहता ह िक ा ऐसा नहीं हो सकता िक व लोग दादी बदल ल?
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उसकी दादी इ न क घर और इ न की दादी उसक घर आ जाए। टोपी कहता ह ै
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िक उसकी दादी की बोली तो इ न क प रवार की बोली की तरह ही ह। टोपी की इस
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बात का जवाब दत ए इ न कहता ह िक टोपी की यह इ ा परी नहीं हो सकती।

