Page 2 - LESSON NOTES - TOPI SHUKLA - 2
P. 2

द

                                                                  े
                                                प
                                                   ा
                     ु


                                                                          े
                                ुँ

                    चभलाना - मह म कोई खा  पदाथथ रखकर उस जीभ स बार-बार िहलाकर इधर-उधर
                    करना
                    वा  -       नात, िलए
                                   े
                         े
                                   ू
                      ु
                    जग़रािफ़य -  भगोल शा
                    सरक गए - िनकल गए                  अ सा - ऐसा
                               ु
                    तोहरी –   त ारी                   सक ो - सकता
                                                                   ु
                                                       ु
                                                                     ू
                                ं
                    िफ़कर –  िचता                      परसा - सहानभित












                    O;k[;k-                                                                             &


                                                                                     े
                                                                                                    े
                                                                                                 ै
                                                  े
                                                  े
                                                                                            स
                                                                                          प
                                                                                            ा
                          टोपी  जब  भी  इ न  कक  घर  जाता  था  तो  उसकी  दादी  क  ही  पास  बठन  की
                                           इ

                                                                                         त
                                                                                        ा
                                                                                           च
                                                                                            ी
                                                                                                     े
                                                                               े
                                                                                       ब
                                                                                             त
                    कोिशश करता था  ।  इ नन की अ ी और बड़ी बहन स तो वह बातचीत करन की
                                                                                           ह
                                                                                     ँ
                    कभी कोिशश नहीं करता था   । टोपी को इ न की दादी की डाट का हरर एक श
                                                                             ू
                                                                  े
                                                          े
                                                 थ
                                                                                           ग
                    श कर की तरह मीठा लगता थाा  । पक आम क रस को सखाकर बनाई गईई मोटी परत
                                                             ं
                                                          े
                                                     े
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                                               त
                    की तरह मज़दार लगता  । ितलल क बन  जनों की तरह अ ा लगता और  वह दादी की
                                   ु
                                                                                             म
                                                                                           ह
                          ु
                                                                                          े
                      ँ
                                                प
                                                                                               श
                                              े
                                                                                                 ा
                                                 ा
                                                                                              े
                                                                                              े
                    डाट सन कर चपचाप उनक पासस चला आता  । इ न की दादी टोपी स हमशा एक ही
                            ू
                                             ब
                                            े
                                                                                                े
                                                                                                े
                                                                                                      े
                                                                                              ल
                                                                                       ै
                                                                                           प
                                                                                            ह
                                               ढ़
                                                ा
                                                 त
                    सवाल पछ कर बात आग बढ़ातीी थी िक उसकी अ ा  ा कर रही ह  । पहल-पहल तो
                                                                               ु

                                                      े

                                                                         ै
                                                  क
                                                                                            े
                                                 ि


                    टोपी को समझ म नहीं आया िक य अ ा  ा होता ह पर  बाद म उस समझ म आ
                                                                                           ु
                                                                                         स
                                                                                           न
                                                                                                     े
                                                                             े
                                                              ै

                    गया िक माता जी को ही अ ा कहा जाता ह  ।  जब टोपी न अ ा श  सुनाा तो उस यह
                                             ि
                                                          ु

                                              ज
                                                                                                   े
                                                                           ुँ
                                                                                            े

                    श  ब त अ ा लगा  । िजसस तरह गड़ की डाली को मह म रख कर उस जीभ स बार-
                                                                                            स
                                                  े
                                                  े
                                             क
                                                                                         ै
                                                                         ं
                                                         े
                                                 क
                                               र
                                                                                              ी
                                                                                          उ
                    बार िहलाकर इधर-उधर करक उसक  ाद का आनद िलया जाता ह उसी तरह वह
                                                                                             े
                                                                                             े
                                                  त
                                                                                           े
                                               ो
                                                                            ू
                                                ल
                                              ब
                                                                   ँ
                    इस श  को भी बार-बार बोलताा रहा  । “अ ा”। “अ ”। “बाजी”। उस यय श  ब त
                                                 आ
                       ं
                                                                             ु


                    पसद आए।  उस िदन ऐसा  आ िक टोपी को बगन का भरता ज़रा  ादा  अ ा लगा।
                                           ँ
                                                न

                                             ख
                                                                         े

                                                 ा
                                                                                             ी
                                               ा
                                                                                        अ
                         ु
                    रामदलारी (टोपी की मा) खाना परोस रही थी। टोपी न कह िदया िक अ ी, ज़रा बगन
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