Page 3 - LESSON NOTES - KAR CHALE HUM FIDA - 1
P. 3
े
े
जवानी ही ा िजसन कभी द ू सरों की भलाई क िलए ाग या बिलदान ही ना िकया हो। जो जवान
ू
ै
े
े
े
े
खन स नहाया न हो, वह भला कस अपन ार की मयादा की र ा करगा। आज धरती िकसी दु न
े
ूं
े
ै
े
क समान ह, िजसकी मान-मयादा हमार हाथों म ह। हम अपन र की एक-एक बद बहाकर भी
े
ृ
ु
ँ
े
ै
इसक मान-स ान को बचाए रखना ह। म तो म को ा होन वाला , इसिलए अब यह आपका
ै
कत ह।
कहते है क दु हन को वयवर म हािसल करने क िलए राजा कसी भी मुि कल को पार कर
े
ं
जाते थे उसी तरह तुम भी अपनी इस दु हन को दु मन से बचा कर रखना। य क अब हम देश क र ा
का दािय व देशवािसय पर छोड़ कर जा रहे ह ।
dkO; lkSan;Z&
a
s
s
1-dkO;ka”k e mnZ “kCnkoyh dk iz;kx gSA
w
s
a
a
2-Hkk’kk izHkkokRiknd rFkk Hkkok dh vfHkO;fDr es i.kZr% l{ke gSA
s
w
a
s
3-dfo us lQy ie dh lKk mlh dks nh gS tk R;kx vkSj cfynku d iFk ls gksdj xqtjrk gSA
s
z
s
a
4-^/kjrh cuh gS nqygu* es miek vyadkj gSA
ु
राह कबािनयों की न वीरान हो
े
ु
तम सजात ही रहना नए कािफ़ल े
े
फतह का ज इस ज क बाद ह ै
ै
े
ं
िजदगी मौत स िमल रही ह गल े
ँ
े
े
बाध लो अपन सर स कफन सािथयो
े
े
ु
अब त ार हवाल वतन सािथयो
श ाथ –
ु
ु
कबािनया – बिलदान वीरान – सनसान
ँ
ु
े
ू
कािफ़ल - याि ओं क समह फतह – जीत ज – ख़शी, उ व
ं
े
ु
ं
ै
ं
ु
ँ
े
सग - त प या हमारी िहदी पा प क ' श भाग -2 ' स ली गई ह। इसक किव कफ़ी
े
ं
े
ै
े
े
े
ै
े
आज़मी ह। इन प यों म सिनक दशवािसयों को दश क िलए बिलदान करन क िलए तयार रहन को
े
कहत ह।
े
े
े
ु
े
े
ै
े
किवता का भावाथ : सिनक कहत ह िक हम तो दश क िलए बिलदान द रह ह पर हमार बाद
े
े
ु
े
े
भी य िसलिसला चलत रहना चािहए। जब भी ज रत हो तो इसी तरह दश की र ा क िलए एकजट
े
े
ु
ु
े
े
होकर आग आना चािहए। जीत की ख़शी तो दश पर ाण ोछावर करन की ख़शी क बाद
ै
े
ु
ै
ं
े
े
े
दोगनी हो जाती ह। उस थित म ऐसा लगता ह मनो िजदगी मौत स गल िमल रही हो। अब य दश
े
ं
े
े
ु
आप दशवािसयों को सौंप रह ह अब आप अपन सर पर मौत की चनरी बाध लो अथात अब आप
े
े
ै
दश की र ा क िलए तयार हो जाओ।

