Page 3 - LESSON NOTES - TOP
P. 3

का  सौ य
                                             ै
                                     ं
                           ं
               1-भाषा अ त सरल एव सहज ह
                          ु
                               ै
                                                       ै
               2-यह छदम  शली म िलखी गयी किवता ह
                       ं

                                                  ं
                                 ु

                            े
                      े
               3-'अ -अ ' म पन    काश अलकार ह            ै
               4-यहा तोप को अ ाचार, अ ाय, दमन  आिद क  तीक क  प  म  योग िकया गया ह। ऐस  तीक
                                                                                              ै

                     ं
                                                                                                   े
                                                           े
                                                                    े
                                े
                           े
                                                                                                 े

               को सहजन क पीछ कारण यह ह िक इ  दख कर हम अपनी गलितयों का एहसास हो सक और हम
                      े

                                             ै
                         े
                                                       े
                                               ै

               उन गलितयों को िफरस न दोहरा  बठ।
                                    े
               भावाथ
               अब तो बहरहाल
                    े
                                      े
               छोट ब ों की सवारी स अगर यह फा रग हो
                                ै
                       े
               तो उसक ऊपर बठकर
                       ँ

               िचिड़या ही अकसर करती ह  गपशप
                                           े
                                                        ु

                                      े
                            ै
               कभी-कभी शतानी म व इसक भीतर भी घस जाती ह
                            ै
               खासकर गौरय     े
                 े

               व बताती ह िक दरअसल िकतनी भी बड़ी हो तोप
                                                  ं
               एक िदन तो होना ही ह उसका मह बद।
                                               ुँ
                                     ै

               श ाथ –
                                                                    ु
               बहरहाल – िफ़लहाल                             फा रग - म , खाली
               दरअसल -वा व म                               शतानी –शरारत
                                                            ै

                   ं
                                               ं
                                                                                               े
                                      ँ
                            ु
                                                                                                        े

                                                         ु

                                ं
                                                                               े
                सग -:   त प  या हमारी िहदी पा  प क '  श भाग -2 ' स ली गई ह। इसक किव वीरन

                                                 े

                               ं

                 ं
               डगवाल  ह। इन प  यों म किव कहत ह िक अ ाय  या  अ ाचार  िकतना  ही  जबरद    ों  न  हो,
                                                                                   ै
                                                                  े
                                             े
               उस  ढ़ता व साहस क साथ िकय गए स  िलत  यास स  रोका जा सकता ह I
                                   े
                   े
                                                                        ै
                                                                                          े
                                                                                        े
                                                                                             ु
                                                                                                 े
                                     े

                                                                    ु
                ा ा -: किव कहत ह िक अब तोप की   थित ब त बरी ह।  वह एक बगीच क महान पर महज़

                                                                 ै
                                                                        े
                                                                                               ु
                                                                             े
                                                                                       ै
                                               े
               एक यादगार ऐितहािसक िनशानी क  प म रखी  ई ह।  छोट ब  इस पर बठ कर घड़सवारी का

                      े

                         े
                                                              े
                                                                         ँ
                                     े
                 े
                                                    े
                                                         े
                                                                                   ै
               खल खलत ह। जब ब  इस पर नहीं खल रह होत तब िचिड़या इस पर बठ कर आपस म बातचीत
                                                                       ै
                    े
                                                                                        ु


                                                                                   ं
                                                           ँ
                                                                         े
                                                                               े
               करन लग जाती ह। कभी - कभी शरारती िचिड़या, खासकर गौरय तोप क अदर घस जाती ह। वो छोटी
                                   े


               सी िचिड़या ऐसा करक हम बताना चाहती ह िक  कोई िकतना भी श  शाली  ों न हो एक ना एक
                                ं
                                                                                         े
                                                                                             े
                                               ै
                                                                         े
                                                                                                    ू
                                                                 े
                                                                                                 े

               िदन उसका भी अत िनि त होता ह।  इस  कार हम दख सकत ह िक िजस तोप न बड़-बड़ सरमाओं
                                        ु
                                                                                                         ै
                                                                                                े
                     ं
                                                                                ु
                                                                         ुँ

                                                             ै
                                                                      े
               का अत िकया था, आज खद उसकी दशा ऐसी ह िक उसक मह म घस कर िचिड़या खल रही ह।
                                                         ु
                                                             ै
               इसिलए िवन ता मानव-जीवन का अनमोल गण ह। िकसी पर न तो अ ाचार करना चािहए और न
               िकसी क  ित अ ाय ही।
                      े

               का  सौ य
                                                              ै

                          ं
                                                                                      ै
                               ं
                                              े
               1-यथाथ एव जीवत िच ण करन क िलए िच ा क शली का  योग िकया गया ह।
                                            े
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