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लेखक को भाई की तपटाई का डर था । दोनो भाई रोने लगे । ददन तछपने को था
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और घर में तपटाई का डर था । लेखक ने कएूँ में घुसकर तचट्ठियां लाने की सोची ।
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छोटा भाई रो रहा था । उनक पास कल तमला कर पाूँच धोततयाूँ थी । उन सभी को
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आपस में बाूँधा गया । धोती क एक तसर पर डंडा बाूँधकर उसे कएूँ में डाल ददया ।
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दूसरा तसरा एक गाूँठ लगाकर छोट भाई को दे ददया और उसे मजबूती से पकडने क
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तलए कहा । लेखक ने छोट भाई को तवश्वास ददलाया दक वह कएूँ क नीचे पहुूँचते ही
साूँप को मार देगा ।
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लेखक धोती पकडकर नीचे उतरा । अभी वह धरातल से चार-पाूँच फ़ट ऊपर
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था दक उसे फ़न फ़लाये लहराता हुआ साूँप ददखायी ददया । लेखक बीचो-बीच उतर
रहा था । डंडा नीचे लटक रहा था । कएूँ का धरातल अतधक चौडा न था । इसतलए
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उसे मारने क तलए नीचे उतरना जरूरी था । उसे अपना पाूँव साूँप से कछ ही फ़ट
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की दूरी पर रखना पडा ।
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एकाएक उसने अपने पावूँ कएूँ क बगल पर ट्ठटका ददया । इससे तमट्टी नीचे
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तगरी । साूँप फ़फ़कारा । लेखक क पाूँव दीवार से हट गये । थोडी ही देर में उसने
अपने पाूँव साूँप क सामने धरातल पर ट्ठटका ददये । अब दोनों आमने-सामने थे । वे
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एक दूसर को देख रहे थे । इतनी खुली जगह नही थी दक डंडे को घुमाया जा सक
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।बस एक ही तरीका था दक साूँप को कचल डाला जाए परतु ये खतरनाक था ।
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लेखक ने देखा दक तचट्ठियाूँ नीचे पडी थी । उसने डंडे से तचिी को सरकाना शुरू कर
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ददया । साूँप ने अपना फ़न पीछ कर तलया परतु जैसे ही डंडा तचिी क पास पहुूँचा
साूँप ने डंडे पर जोर से डंक मारा । डर क मार लेखक क हाथ से डंडा छट गया । वह
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