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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
CLASS- IX- SLRC
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2 LANGUAGE- HINDI
LESSON NOTE (SAMSHRUTHBHINNARTHAK SABD)
पररभाषा-
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ऐसे शब्द जो पढ़न और सुनन में लगभग एक-से लगत हैं, परत अथथ की दृष्टि से ष्टभन्न्न होत हैं,
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श्रुष्टतसम ष्टभनाथथक शब्द कहलात हैं। ये शब्द चार शब्दों से ष्टमलकर बना है ,श्रुष्टत+सम +ष्टभन
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+अथथ, इसका अथथ है सुनने में समान लगने वाले ककन्न्तु ष्टभन अथथ वाले दो शब्द अथाथत वे शब्द
जो सुनने और उच्चारण करने में समान प्रतीत हों, ककन्न्तु उनक अथथ ष्टभन -ष्टभन हों , वे
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श्रुष्टतसमष्टभनाथथक शब्द कहलाते हैं !
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दूसर शब्दों में- कछ शब्द ऐसे होत हैं ष्टजनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अन्न्तर
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होता है। वे बोलचाल में लगभग एक जैसे लगत हैं, परन्न्त उनक अथथ में ष्टभनता होती है। ऐसे
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शब्द 'श्रुष्टतसम ष्टभनाथथक शब्द' कहलात हैं।
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जैसे- घन और धन दोनों क े उच्चारण में कोई खास अन्न्तर महसूस नहीं होता परन्न्त अथथ में
ष्टभनता है।
उदाहरण - (अवलम्ब और अष्टवलम्ब) दोनों शब्द सुनने में समान लग रहे हैं, ककन्न्तु वास्तव में
समान हैं नहीं, अत: दोनों शब्दों क अथथभी पयाथप्त ष्टभन हैं, 'अवलम्ब ' का अथथ है - सहारा ,
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जबकक अष्टवलम्ब का अथथ है - ष्टबना ष्टवलम्ब क अथाथत शीघ्र !
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हहदी भाषा में ऐसे बहुत से शब्द हैं, ष्टजनमें से कछ की सूची नीच दी जा रही है :
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