Page 2 - LN
P. 2

lanHkZ & L;ke Egkus pkdj…………………………………………?k.kks v/khjk A

                                  dfBUk ‘kCn

                                                              ुं
                                        ृ
                                                                                     w
                                    याम -  ी क ण                            कज – yrkvks ls ifji.kZ
                                                                          a
                                                                              े
                                   चाकर – नौकर                                  पीता बर - पील व
                      fxj/kkjh ykyk  &d`”.k                        धेनु – गाय
                                  रह यूँ - रह कर                                 बारी – बगीचा
                                  िनत – हमेशा                                    पहर - पहन कर

                                  दरसण – दशन                                  तीरा –  कनारा
                                                                           ु
                                  जागीरी -जागीर                               अधीरा -  ाकल होना
                                                       HkkokFkZ


                                               े
                                         ृ
                पद म  कविय ी मीरा  ी क ण क  ित अपनी भि  भावना को उजागर करते  ए कहती ह   क
                               े
                                                                                               े
                                                                                          ृ
                       ृ
               हे  ी क ण, मुझ अपना नौकर बना कर रखो अथा त मीरा  कसी भी तरह  ी क ण क नजदीक
               रहना चाहती है  फर चाहे नौकर बन कर ही  य  न रहना पड़े A मीरा कहती ह   क नौकर
                                                                       े
                                                                                    ूँ
                                       ं
               बनकर म  बागीचा लगाउगी ता क सुबह उठ कर रोज आपक दश न पा सक । मीरा कहती ह   क
                                                                                    ँ
               वृ दावन क  संकरी गिलय  म  म  अपने  वामी क  लीला  का बखान क गी । मीरा का
                                                                                        े
                                                                                   ृ
               मानना है  क नौकर बनकर उ ह  तीन फायदे ह गे पहला - उ ह  हमेशा क ण क दश न  ा  ह गे]
               दूसरा- उ ह  अपने ि य क  याद नह  सताएगी और तीसरा- उनक  भाव भि  का सा ा य
               बढ़ता ही जायेगा ।
                                                            ृ
                                                                 े
                                     मीरा  ी क ण क  प का बखान करते  ए कहती ह   क
                                                                                 ु
                                                                    े
                   उ ह ने पीले व  धारण  कये  ए ह ] सर पर मोर क पंख  का मुकट िवराजमान है और गले
                              ू
                   म  वैज ती फल क  माला को धारण  कया  आ है । वृ दावन म  गाय चराते  ए जब वह
                                                                                                  े
                   मोहन मुरली बजाता है तो सबका मन मोह लेता है । मीरा कहती है  क म  बगीच  क िबच
                           ँ
                                                                                              ँ
                                          ं
                                                   ु
                       ँ
                                                                                    े
                   ही ऊचे ऊचे महल बनाउगी और कसु बी साड़ी पहन कर अपने ि य क दश न क गी अथा त
   1   2   3