Page 5 - LESSON NOTES-DIARY KA EK PANNA-1
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               ककया गया था । रकफक पुलिस कही पर भी नहीं थी क्योंकक सभी पुलिस
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               कमणचाररयों को शहर में पहर क लिए घूमन का काम दिया गया था।  बडे - बडे
                                                                े
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                                                                े
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               पाकों और मैिानों को सवर स ही पुलिस न घर रिा था क्योंकक वही पर सभाए
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               और समारोह होना था ।
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               मोनुमेंि क नhचे जहााँ शाम को सभा होन वािी थी उस जगह को तो भोर में छः
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               बज स ही पुलिस न बडी सख्या में घर लिया था ,पर तब भी कई जगह तो भोर
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               में ही झडा िहराया गया । श्रद्धानन्ि पाक में बगाि प्रांतीय ववद्याथी सघ क मत्री
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               अववनाश बाबू न झडा गाडा तो पुलिस न उनको पकड लिया तथा और िोगों को
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               मारा या हिा दिया । तारा सुिरी पाक में बडा बाजार कांग्रस कमिी क युद्ध मत्री
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               हररश्चंद्र लसंह झंडा िहराने गए पर वे भीतर न जा सक । वहााँ पर कािी मारपीि
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                                                                                                         े
               हई  और िो - चार आिलमयों क सर िि गए । गुजरती सववका सघ की ओर स
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                                                                                 े
                                                                                          ं
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               जुिूस तनकिा म्जसम बहत सी िडककयां थी उनको गगरफ्तार कर लिया ।
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                 (यहााँ वणणन ह कक ककस तरह स पुलिस िोगो को रोक रही थी A )
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               स्मारक क नीचे जहााँ शाम को सभा होन वािी थी उस जगह को तो सुबह क छः
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               बज स ही पुलिस न बडी सख्या में आकर घर कर रिा था ,इतना सब क ु छ होन
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                                                                        े
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               क बावजूि भी कई जगह पर तो सुबह ही िोगों न झडे िहरा दिए थ । श्रद्धानन्ि
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               पाक में बगाि प्रांतीय ववद्याथी सघ क मत्री अववनाश बाबू न झडा गाडा तो
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               पुलिस न उन्हें पकड लिया और अपन साथ ि गई ,इसक साथ ही वहां इकठ्ठ
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               िोगों को मारा और वहां स हिा दिया। तारा सुिरी पाक में बडा बाजार कांग्रस
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               कमिी क युद्ध मत्री हररश्चद्र लसंह झडा िहरान गए परन्तु व पाक क अिर  ही
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                                                                                              े
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               ना जा सक । वहां पर भी कािी मारपीि हई और िो - चार आिलमयों क सर िि
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               गए । गुजरती सववका सघ की ओर स िोगों का एक समूह तनकिा ,म्जसमें बहत
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               सी िडककयााँ थी , उनको गगरफ़्तार कर लिया गया।
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               11 बज मारवाडी बालिका ववद्यािय की िडककयों न अपन ववद्यािय में झण्डोत्सव
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               मनाया । जानकीिवी ,मिािसा (मिािसा बजाज -नारायण ) आदि भी आ गई थी ।
               िडककयों को, उत्सव का क्या मतिब ह ,समझाया गया । एक बार मोिर में बैठ
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               कर सब तरि घूमकर ििा तो बहत अच्छा मािूम हो रहा था । जगह -जगह
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