Page 2 - LESSON NOTES - AUPCHARIK PATRA LEKHAN - 1
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मह वपूण ह नह ं अ यंत आव यक भी ह, फ़ोन आ द पर बातचीत अ थायी होती
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ह, इसक वपर त ल खत द तावेज थायी प ले लता ह । उदाहरण- जब आप
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व यालय नह ं जा पाते, तब अवकाश क लए ाथ ना प लखना पड़ता ह ।
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प क कार
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मु य प से प को न न ल खत दो वग म वभािजत कया जा सकता ह -
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(1) औपचा रक-प
(2) अनौपचा रक-प
औपचा रक और अनौपचा रक प म अंतर
औपचा रक प
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औपचा रक प उ ह लखा जाता ह िजनसे हमारा कोई नजी संबध ना हो ।
यवसाय से संबंधी, धानाचाय को लखे ाथ ना प , आवेदन प , सरकार वभाग
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को लखे गए प , संपादक क नाम प आ द औपचा रक-प कहलाते ह ।
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औपचा रक प क भाषा सहज और श टापूण होती ह । इन प म कवल काम
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या अपनी सम या क बार म ह बात कह जाती ह ।
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अनौपचा रक प
अनौपचा रक प उन लोग को लखा जाता ह िजनसे हमारा यि तगत स ब ध
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रहता ह । अनौपचा रक प अपने प रवार क लोग को जैसे माता- पता, भाई-बहन,
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सग-स बि धओं और म को उनका हालचाल पूछन, नमं ण दने और सूचना
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आ द दने क लए लख जाते ह । इन प म भाषा क योग म थोड़ी ढ़ ल क जा
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सकती ह। इन प म श द क स या असी मत हो सकती ह य क इन प म
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इधर-उधर क बात का भी समावेश होता ह।
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