Page 1 - L.N-Dasrath ke Do vardan-2
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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
SLRC
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Grade – VI - 2 Language - HINDI
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अयोध्या क राजा दशरथ क तीन पत्निया और चार पत्र थ। राम सभी भाइयोां म बड़ थ और
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उनकी माता का नाम कौशल्या था। भरत राजा दशरथ क दसरी और त्निय पिी ककयी क
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पत्र थ। दसर दो भाई थ, लक्ष्ण और सत्रघन त्नजनकी माता का नाम था सत्नमत्रा।जब राम को
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एक तरफ राज त्नतलक करन की तयारी हो रही थी तभी उसकी सौतली मा ककयी, अपन
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पत्र भरत को अयोध्या का राजा बनान का षड्यत्र रच रही थी। यह षड्यत्र बढी मथरा क
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द्वारा त्नकया गया था। रानी ककयी न एक बार राजा दशरथ की जीवन की रक्षा की थी तब
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राजा दशरथ न उन्ह कछ भी मागन क त्नलए पछा था पर ककयी न कहा समय आन पर म ैं
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माग लगी।उसी वचन क बल पर ककयी न राजा दशरथ स पत्र भरत क त्नलए अयोध्या का
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त्नसघासन और राम क त्नलए चौदह वष का वनवास मागा। श्री राम तो आज्ञाकारी थ इसत्नलए
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उन्होांन अपन सौतली मा ककयी की बातोां को आशीवाद माना और माता सीता और त्निय
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भाई लक्ष्ण क साथ चौदह वष का वनवास व्यतीत करन क त्नलए राज्य छोड़ कर चल गए।
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dSds;h क ित्नत दशरथ का प्यार
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राम क राज्यात्नभषक की तयारी क बाद जब राजा दशरथ को रात्ननया की याद आई A व
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तरत रानीवास गए कई कई को अपन कक्ष म न पाकर उसस त्नमलन को भवन पहच A
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वह dSds;h स बहत िम करत थ A उन्होांन dSds;h स कहा त्नक वह उसकी िसन्नता क
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त्नलए जमीन आसमान एक कर सकत ह ,dSds;h न दशरथ स कहा आप मझ यह दोनोां
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वरदान दीत्नजए A त्नजस का सकल्प आपन o”kksZa पहल रणभत्नम म त्नलया था A यह बात सनकर
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राजा दशरथ को कछ समझ म नहीां आया यह रानी इस तरह की बात क्ोां कर रही ह ै
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उन्होांन बार-बार dSds;h को समझाया त्नक तम जो हट कर रही हो इस हट स हट जाओ