Page 4 - VIRAM CHINHA-LN
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वकसी कथन को ज्ों का त्यों उद ् धत करन क विए उर्द्रण या
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अितरण विन्ह का प्रयोग करत ह ।
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उदाहरण : महाकवि तिसीदास न सत्य कहा ह ― "पराधीन
सपनहु सख नाहीं"
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उदाहरण : भारतदु जी न कहा, " वहदी, वहन्द ू , वहदुस्तान " ।
योजक विन्ह (Hyphen) [ - ]
योजक विन्ह का प्रयोग समस्त पदों क मध्य म वकया जाता ह ।
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उदाहरण : सख-दुुः ख, िाभ-हावन, वदन-रात, यश-अपयश,
तन-मन-धन ।
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उदाहरण : दश क दीिानों न तन-मन-धन स दश की रक्षा क
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विए प्रयत्न वकया ।
िाघि विन्ह (Sign of Abbreviation) [ ० ]
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वकसी बड़ शब्द को सक्षप म विखन क विए कछ अश विखकर िाघि
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विन्ह िगा वदया जाता ह । इसको सक्षपण विन्ह भी कहत ह ।
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उदाहरण : उत्तर प्रदश क विए ― उ० प्र० ।
उदाहरण : डॉक्टर क विए ― डॉ० ।
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उदाहरण : इवजवनयर क विए ― इजी० ।
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वििरण विन्ह (Sign of Following) [ :- ]
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वििरण विन्ह का प्रयोग िाक्याश क विषयों म कछ सिक वनदश आवद
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दन क विए वकया जाता ह ।
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उदाहरण : िनों स वनम्न िाभ ह :-
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उदाहरण : इस दश म बड़ी-बड़ी नवदया ह :-
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विस्मरण विन्ह या त्रवटपरक विन्ह [ ^ ]

