Page 2 - CBW-KABIR KI SHAKHIYAN
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               8- कबीर वकसकी वनदा न करन की सीख दत हैं ?
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               9- कबीर दास की जीिन पर आधाररत कछ घटनाओिं का िणन कीवजए I
               10- कबीर घास की वनदा करन से क्योिं र्ना करत हैं ? पढ़ हुए दोह क े आधार पर स्पष्ट कीवजए I
                                                                        े
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               11- कबीर की सखखया क्या सदश दती हैं ?
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               12- र्नष्य क े व्यिहार र्ें ही दसरोिं को विरोधी बना लन िाल दोष होत ह। यह िािाथ वकस दोह से व्यक्त
               होता है?
                                                                                   ु
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               13-"कबीर घास न नीिंवदए, जो पाऊ ाँ तवल होइ। उव़ि प़ि जब आखख र्ें, खरी दहली होइ।" इस साखी से
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               हर् क्या नवतक वशक्षा वर्लती है?
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               14-"जग र्ें बरी कोइ नहीिं, जो र्न सीतल होय। या आपा को डारर द े, दया कर सब कोय। "| इस साखी
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               क े र्ाध्यर् से कबीरदास जी क्या सदश दना चाहत हैं ?
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               15-"आित गारी एक है, उलटत होइ अनक। कह कबीर नवह उलवटए, िही एक की एक।" इस साखी र्ें
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               'गारी' और 'उलटत' शब्दोिं का क्या अथ है, और कबीरदास जी क्या वसखाना चाहत हैं |
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