Page 2 - CBW-KYA NIRASH HUA JAYE
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               7- लोगों में सिा, ईमािदारी सच्चाई जस माििीय गण क्यों बच हुए हैं?
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               8- मिष्य का मिष्य से प्रम करिा, मनहलाओं का सम्माि करिा आनद नकसका प्रमाण है?
               9. कािि की त्रनटयों का लाभ उठाि में कौि-से लोग सकोच िहीं करत?
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               10-आजकल क े समाचार-पत्र नकस प्रकार क े समाचारों से भर रहत हैं?
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               11-लखक िे स्वीकार नकया है नक लोगों िे उन्ह भी िोखा नदया है नफर भी िह निराश िहीं है |आप क े
               निचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है ?
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               12-ईमािदारी को क्या समझा जाि लगा है और क्यों ?
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               13-"झूठ और फरब का रोज़गार करि िाल फल-फल रह हैं"— इस कथि क े सभानित पररणाम क्या हो
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               सकत हैं?
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               14-अपि या अपि नकसी पररनचत क े साथ हुई ऐसी नकसी घटिा का िणि कीनजए, नजसम नकसी िे नबिा
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               नकसी स्वाथ क े भलाई, ईमािदारी और अछॎछाई का काय नकया हो।
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               15-समाचार पत्रों, पनत्रकाओं और टलीनिज़ि पर आपि ऐसी अिक घटिाए दखी होंगी, नजिम लोगों िे
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               नबिा नकसी लालच क े दसरों की सहायता की हो या ईमािदारी से काम नकया हो। ऐस समाचार तथा लख
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               एकनत्रत कर और अपि शब्ों में एक नटप्पणी प्रस्तत कर I
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