Page 2 - H.A.- AGNIPATH
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?k& क ठन समय म मदद करने वाल क िलए
?k& इनम से कोई नह
Subjective
[k& fuEufyf[kr i’uksa ds mRrj 30-40 ‘kCnksa esa fyf[k, A
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1 - किव ने ‘अि पथ’ कसक तीक क प म योग कया है ?
2 - ‘माँग मत, ‘कर शपथ, ‘लथपथ’ इन श द का बार-बार योग कर किव या कहना
चाहता है ?
3 - ‘एक प छाँह भी माँग मत’ इस पंि का आशय प क िजए ।
4 - ^तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी* इस पंि का आशय प क िजए ।
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5 – ‘घने वृ ’ और ‘एक प -छाँह’ का या अथ है ? किवता क अनुसार िलिखए ।
6 - किव क अनसार हम या नह माँगना चािहए ?
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Hots
x& fuEufyf[kr iz’uksa ds mRrj 80-100 ‘kCnks es fyf[k, A
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1 - ^चल रहा मनु य है, अ ु, वेद, र से लथपथ, लथपथ, लथपथ *-- का भाव प
क िजए A
2 – ‘vfXu iFk* किवता का मूलभाव या है ? प क िजए ।
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