Page 5 - LESSON NOTES
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  lqHkk”kpanz cks”k us dgk ßfnYyh pyks AÞ



               िोष्ठि विन्ह - (  )


                        े
                                                                                          े
                                   ें
                                                                         थ
                                                                                      े
               िाक्य क बीच म आए शब्दोीं अथिा पदोीं का अथ स्पष्ट करन क विए कोष्ठक
                                            ै
                                                    थ
                                                                                            थ
               का प्रयोग वकया जाता ह अथात कोष्ठक वचन्ह (  )  का प्रयोग अथ को और
                                     े
                                        े
                                                                                         े
                                                                      ीं
               अवधक स्पस्ट करन क विए शब्द अथिा िाक्याश को कोष्ठक क अन्दर
                                          ै
               विखकर वकया जाता ह ।
                        े
                                                                                      े
                                                                                          े
                                   ें
                                                                         थ
               िाक्य क बीच म आए शब्दोीं अथिा पदोीं का अथ स्पष्ट करन क विए कोष्ठक
                                            ै
               का प्रयोग वकया जाता ह।
                    े
                  ै
               जस -
                                    े
                                                                    े
               अध्यापक ¼वचल्लात हु,½ वनकि जाओ कक्षा स ।
               विश्वावमत्र ¼क्रोध म कापत हुए½ ठहर जा ।
                                   ें
                                        ाँ
                                            े
               योजि विन्ह - (–)
                                      ीं
                                                                        ें
                                                       े
                                                     े
                                                                                           े
                                                                                         े
                                        ीं
                           ें
               दो शब्दोीं म परस्पर सबध स्पष्ट करन क विए तथा उन्ह जोडकर विखन क विए योजक-
                                                 ै
               वचह् (–) का प्रयोग वकया जाता ह।
                       ें
                                                                                   ै
                                                                                                 ें
                  ीं
                                      े
               वहदी म अल्पविराम क बाद योजक वचह् का प्रयोग अवधक होता ह। दो शब्दोीं म परस्पर
                                   े
                                                                    े
                 ीं
                   ीं
                                                                      े
                                 े
                                                   ें
               सबध स्पष्ट करन क विए तथा उन्ह जोडकर विखन क विए योजक-वचह् का प्रयोग
                                                              े
                                   े
                             ै
                                                                ै
               वकया जाता ह। इस 'विभाजक-वचह्' भी कहत ह।
                  ै
                    े
               जस-
                                       ुः
                                                                 ै
                                  ु
                                       ु
                               ें
                     जीिन म सख-द ख तो चिता ही रहता ह ।
                     रात-वदन पररश्रम करन पर ही सफिता वमिती ह ।
                                              े
                                                                         ै
                     Lknk ekrk&firk dk vknj djks A

               लाघि विह्न (o)
                                                                          े
                                                       ीं
                                                         े
                                                                      े
                                                               ें
               वकसी बडी या प्रवसर्द् चीज को सक्षप म कहन क विए उसका पहिा अक्षर
                        े
                                                           ै
               विख क यह वचह् िगा वदया जाता ह।
                            े
                 ै
                   े
               जस & प्रोफ़सर की जगह प्रोŒ A
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