Page 3 - Microsoft Word - TOPIC-3 YATAYU -HA-2
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(III) भािषककाय म् –
i. ‘मितम् नीचाम्’ अनयो: पदयो: िवशेषणपदं कमि त ?
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ii. ‘य परोs य िवगह येत’ अि मन वा ये यापदं कम् ?
iii. ‘ ी’ इ यथ अ क पदम् यु म् ?
iv. ‘ े ाम्’ इित िवलोम पदम् अ क यु म् ?
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6. अधोिलिखतशलोकान् प ठ वा मंजूषात: पद िच वा अ वयपू त क त –
1. “सा तदा क णा वाचो िवलपि त सुदु:िखता |
ं
वन पितगत गृ म् ददशायातलोचना “||
अ वय: - तदा क णा (I ) ............... िवलपंती सुदुिखता (ii ) ..............सा
(सीता)(iii)................गृ म् (iv) .................. |
मंजूषा - (आयतलोचना , ददश , वाच , वन पितगतम् )
्
2. “जटायो: प य मामाय ीयमाणामनाथवत |
अनेन रा से ण क णम् पापकम णा “||
अ वय: -आय (I ).................. अनेन (ii )
.........................रा से ण
(iii) ............ि यमाणाम्, (iv )
.......................माम् प य |
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मंजूषा – (अनाथवत , जटायो: , सक णम् , पापकम णा)
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3. “त श दम् अवसु त जटायुरथ शु ुवे |
िनरी य रावणं ि म् वैदेहीम् च ददश स “|
ं
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अ वय: - (I ) ............... जटायु: त त
(ii)................. शु ुवे
(iii ) ................ स: िनरी य: स: च ि म् (iv )
................... ददश |
मंजूषा – (रावण: , अवसु : , वैदेहीम् , श दम् )
4. “तत: पव तशृंगाभती णतुंड: खगो म: |
वन पितगत: ीमा न ाजहार शुभाम् िगरम्” ||
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अ वय: - तत: (I ) .................... ती ण त ड: (ii )
................ ीमान्
(iii ).................. शुभाम् ................... ाजहार:
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मंजूषा – (वन पितगत: , पव तशृंगाभ:, िगरम् , खगो म:)