Page 4 - Microsoft Word - CH-1 GODOHANAM HA-2
P. 4

ृ

              ii.   ‘ स : सन् स: धेनो: व सेवां करोित ‘| अ  वा ये अ  कतपदं  कम् ?

             iii.   संवादे ‘गो:’ इित पद य क: पयायपदं आगत: ?

                                                    ु
                 े
             5. रखां कत आधृ य पदानां   िनमा णं क त –
                                                         े
                                                                  ु
               i.   मि लका मोदकािन रचयि त म द वरण िश  त त करोित |
                                         ्
              ii.   मोदकग धम् अनुभवन च दन:  स मना:  िवशित |
                                                                                                      ्
             iii.   ह तिन मतािन मोदकािन दृ वा च दन: िज वालोलु ां िनय  ियतुम् अ म: आसीत |
              iv.   एतािन मोदकािन पुजिनिम ािन सि त |
                                                                   ं
              v.    मि लका  व सखीिभः सह काशीिब नाथमि दर ग तुम् इ छित |
              vi.   सखिभ: सह धम  या या: आनि दता च भव |

             6.कथा म लेखनम्

                                                       ं
             I.अधोिलिखतािन वा यािन कथा मानुसार पुन: िलखत –
               i.   च पा , गौ र, माया, मोिहनी, किपला ा: सवा : ग छि त |

              ii.   परम् एतािन मोदकािन पुजिनिमतािन सि त |
             iii.   त ह शी म् एव पूजां संपादय |
              iv.   िवरम | िवरम | मा   ुश! एतािन मोदकािन |
                                                       ्
              v.    तत:  िवशित मोदकग धम् अनुभवन   स मना च दन: |
                                                                    ्
                          ्
             vi.    तावत गृह  यव था , धेनो दु धदोहनम्  यव थान च प रपालय |
                                                                      ं
             vii.   अहं  व सखीिभः सह    ात: काशीिब नाथमि दर  ित गिम यािम |
            viii.   तव ह तिन मतािन मोदकािन दृ वा च दन: िज वालोलु ां िनय  ियतुम् अ म: अि म
                                                         ु
             7. ‘क’ तंवेन स  ‘ख’    व य  याय मेलनं क  –
                  क’ तंवेन     ‘ख’    व य

               i.   िनरतौ          ुतम्
              ii.    र ा:        संलगनौ
             iii.   अनुमितम्      शू या:

              iv.   ि  म्         आ ा
                    8-












                                                               000
   1   2   3   4