Page 4 - LESSON NOTES
P. 4

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                                 ाँ
                     तम कहा रहत हो \


               विस्मय बोधि विन्ह (!)


                                                                                                ृ
                                                               थ
                                                                                   थ
               विस्मयबोधक वचह् का प्रयोग विस्मय] हष] उल्लास] आिय] विषाद] घणा]
                                                                       े
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                                                                    े
                                                                                                ै
               भय] करुणा इत्यावद क भाि को प्रकट करन क विए वकया जाता ह।
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                 ै
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               जस &- हुर! म पास हो गया । आह! यह पीडा अब और सहन नहीीं होती ।
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                                 ु
               िाह! वकतना सन्दर दृश्य ह ।
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                वनदशिविन्ह [_] –

               dksbZ Hkh funsZ’k vFkok lwpuk nsusokys okD; ds ckn funsZ’kd
               fpg~u dk iz;ksx fd;k tkk gS A

                                                                                         े
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                     ^वनदशक वचन्ह* का प्रयोग कथन] उर्द्रण और वििरण क विए वकया
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                       जाता ह।
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                                                                      थ
                     जस & श्री प्रताप न कहा & सत्य क माग पर चिना चावहए ।
                     v/;kid us dgk& viuh ekr`Hkk”kk esa fy[kdj vH;kl djks A


               उर्द्रर् विह्न ( ‘  * )  (ß Þ½


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                                               ैं
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               उर्द्रण क दो ऱूप होत ह इकहरा ( ‘  * ) rFkk  (ß Þ½
                                                                                                े
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               जहा पर कोई विशष शब्द] पद] िाक्य खण्ड इत्यावद को विखा जाय तो
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                                                                      ै
               िहा इकहरा ( ‘  * )  वचह् प्रयोग fd;k जाता ह।
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                                                                                                  े
                                                                         े
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                     शीषक] समाचारपत्र] िखक का उपनाम] िख इत्यावद को इकहर
                       ( ‘  * )   वचह् म विखा जाता ह ।
                                          ें
                                                            ै
                     ^chtd* dchjnkl n~okjk jfpr xaFk gS A
                     lw;Zdkar f=ikBh ^fujkyk* izfln~/k dfo gSa A


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                जब वकसी पस्तक स कोई िाक्य अथिा अितरण ज्ोीं का त्योीं विया जाए
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               तो िहा दोहर (ß Þ½ वचह् का प्रयोग होता ह । tSls&
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