Page 1 - LN
P. 1
SAI INTERNATIONAL SCHOOL
SLRC
GRADE – VII
ND
2 LANG. (HINDI)
ikB & d.kZ dh pqukSrh
Lesson Notes -
Learning objective –
bl ikB esa d.kZ dh pqukSrh dks Lohdkj djds ikaMo ftl rjg mlls
lkeuk djus ds fy, rS;kj gks tkrs gSa mlh rjg gesa Hkh viuh pqukSrh dks
Lohdkj djus ds ckjs esa crk;k x;k gS A
izLrkouk&
dkSjoksa vkSj ikaMoksa us vL=&‘kL= dh f’k{kk igys d`ikpk;Z ls vkSj ckn esa
nzks.kkpk;Z ls ikbZ A fon~;k esa fuiq.krk izkIr djus ds Ik’pkr ,d fo’kky
lekjksg vk;ksftr fd;k x;k ftlesa lHkh jktdqekjksa us vius dkS’ky dk
izn’kZu fd;k A
ikB dk lkj &
े
े
ृ
पािंडवों ने कपाचायय और द्रोणाचायय से ुऄस्त्-शस्त् की शशक्षा लेकर शनपुणता प्राप्त कर ली थी । ॅईनक कौशल क प्रदशयन
े
ु
क शलए समारोह का ूअयोजन ककया गया । सभी नगरवासी वहााँ मौजूद थे । सभी राजकमार ुऄपनी दक्षता का
प्रदशयन कर रहे थे । तीर चलाने में ुऄजुयन से ज्यादा कोॄइ श्रेष्ट ना था । सभी ॅईसकी कला से दिंग थे तो वही दुयोधन का
े
मन ॄइष्या से जल रहा था । खेल चल रहा था तभी एक युवक ने ुऄजुयन को द्विंद क शलए ललकारा । वह युवक कणय था,
परन्तु यह बात ककसी को पता नही थी । ृआस चुनौती को देखकर दशयकों में खलबली मच गयी, परन्तु दुयोधन को बहुत
े
प्रसन्नता हुॄइ ओर ॅईसने कणय से पूछा कक वह ॅईसक शलए क्या कर सकता है । कणय ने कहा कक ुऄजुयन से द्विंद और दुयोधन
से शमत्रता करना चाहता है । कती ने कणय को देखते ही पहचान शलया । वह भय और लज्जा से मूर्च्छछत हो गयी ।
ुिं
शवदुर ने दाशसयों को बुलाकर ॅईन्हें जगाया । कपाचायय ने कणय से ॅईसका पररचय पूछा क्योकक मुकाबला बराबरी वालो
ृ
से ककया जाता है । यह बात सुनकर कणय का शसर लज्जा से झुक गया । दुयोधन ने यह देखकर करण को ुऄिंगदेश का
ू
राजा घोशषत कर कदया । रणभूशम मे ही कणय का राज्याशभषेक कर कदया गया । सूरज डब चुका था ृआसशलए समारोह
समाप्त कर कदया गया ।
े
ृआस घटना क बहुत समय बाद एक बार ृआद्र बूढ ब्राह्मण क वेश म्रिं कणय क पास पहुाँचे और शभक्षा में ॅईनसे ॅईनक े
े
े
िं
े
जन्मजात कडल और कवच की मााँग की चूाँकक ॅईन्हें डर था कक युद्ध में कणय ुऄजुयन पर भारी न पड जाए । कणय ृआस बात
ुिं