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Aराम,सीता और लक्ष्ण िनिास क े गलए गनकल पड़। रास्त में उन् ोंन कई असर ों का सहार
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गकया और कई पगित्र और अच्छ ल ि ों से भी िे गमल। िे िन गित्रकट में एक कगटया
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बनाकर रहन लि। एकबार की बात है लका क े असर राजा रािन की छ टी बहन
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‘kwiZ.k[kk ने रामक दखा और िह म गहत ह ियी। उसन रामक पान की क गशश की
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पर राम ने उत्तर गदया – मैं त गििागहत हूँ मर भाई लक्ष्ण से पछ क े दख । तब ‘kwiZ.k[kk
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क े पास जाकर गििाह का प्रस्ताि रखन लिी पर लक्ष्णन साफ़ इनकार कर गदया। तब
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‘kwiZ.k[kk ने क्र गधत ह कर माता सीता पर आक्रमण कर गदया। यह दखकर लक्ष्णन
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िाक से ‘kwiZ.k[kk का नाक काट गदया। कटी हुई नाक क े साथ र त हुए जब ‘kwiZ.k[kk
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ने लका पहुिी त सारी बात जानकर रािण क बहुत क्र ध आया। उसन बाद रािण ने सीता
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हरण की य जना बनायीों। य जना क े तहत रािण ने मारीि राक्षश क गित्रकट क े कगटया क े
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पास एक सन्दर गहरन क े रूप में भजा। जब मारीि क माता सीता ने दखा त उन् ोंन
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श्रीराम से उस गहरण क पकड़क लान क े गलए कहा। सीता की बात क मानकर राम उस
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गहरण क पकड़न उसक पीछ-पीछिए और लक्ष्ण क आदश गदया की ि सीता क
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छ ड़कर कहीों ना जाए।