Page 1 - LESSON NOTES
P. 1

SAI INTERNATIONAL SCHOOL

                                                          SHS

                                                   GRADE – VIII


                                                 ND
                                               2  LANG. (HINDI)
                                े
                        ू
               पाठ- सचना लखन
               Lesson Notes –
               Learning objective &

                                                                     ें
                                                                       े
                     अपन मत की पष्टि क े ष्टिए उष्टित वातावरण तयार करग।
                           े
                                    ु
                                                              ै
                     नई जानकाररया प्रस्तत कर ितना का ष्टवकास होगा ।
                                         ु
                                                े
                                    ाँ
                     तरह –तरह की जानकारी को अवगत कराना I
                                   े
                        ू
                     सिना का उद्दश्य जनमत जाग्रत होगी ।
                     कम खि और अल्प पररश्रम से अष्टिकाष्टिक िोगोों तक सिनाए पहि पाएगा   I
                                                                                ाँ
                                                                        ू
                                                                             ाँ
                              च
                     ष्टनयमोों की जानकारी हो पाएगा |
                     िखन कौशि में वद्धि होगी  ।
                        े
                                       ृ
                                                      े
                     जीवन में व्याहाररक प्रयोग कर पाएग  ।
                                                    ाँ
                                                                                                      ु
                     उदाहरणोों और अभ्यासोों क े माध्यम से वाक्य में ष्टकस तरह प्रयोग  ष्टकया जाता है इसका  अनभव
                              ें
                                े
                       प्राप्त करग।
                                                                                                  ें
                                  े
                                                                                                    े
                                                                                    े
                                                                               ू
                     रिनात्मक िखन क े जररए व्याकरण को व्यवहाररक ऱूप से िाग करन का अभ्यास करग।
                                                                                       ू
                                                                                              े
                                                        ों
                                                                                            ें
                     मौद्धखक और ष्टिद्धखत गष्टतष्टवष्टियोों से ष्टहदी व्याकरण की अपनी पकड़ मजबत करग।

               परिचय
               Lesson Notes
                  ु
                                                                                                ू
                                   ै
                            ु
                                                                                        ै
               मनष्य ष्टजज्ञास प्राणी ह। वह तरह-तरह की जानकाररयोों से अवगत होना िाहता ह। वह सिनाओों का
                                   ै
                                                                                               ू
                                                                            ाँ
                                                                                                    ाँ
                                                            ै
                                                                                 ु
                                                                        ों
               आदान-प्रदान करता ह। इसी तरह सरकारी और गर-सरकारी सस्थाए भी कछ आवश्यक सिनाए िोगोों
                                                                ु
                                    ैं
                       ाँ
                                                                                                     ैं
                                                               े
               तक  पहिाना  िाहती  ह।  जन  सािारण  की  भिाई  हत  वे  समय-समय  पर  ऐसा  करती  रहती  ह।  इन
                                                      ाँ
                                                             ू
                                                                   े
                                                                                          े
                                                                                    ू
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                                                                                 ै
               सिनाओों को जनता तक ष्टिद्धखत ऱूप में पहिाना सिना-िखन कहिाता ह। सिना-िखन क े माध्यम से
                                                             ै
                                                                                      च
                                                                   े
                                  े
                                     ों
               जन सािारण से सीि सवाद स्थाष्टपत ष्टकया जाता ह। इसक माध्यम से कम खि और अल्प पररश्रम से
                                                                                         ू
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                                                           ैं
                                                ाँ
                                                                                              ाँ
                                            ाँ
               अष्टिकाष्टिक  िोगोों  तक  सिनाए  पहिाई  जाती  ह।  छात्ोों  को  भी  तरह-तरह  की  सिनाए  ष्टवद्यािय  क े
                                                          े
                                                      ः
                                                 ाँ
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                                                                                    ाँ
                 ू
               सिनापट्ट पर ष्टिखी ष्टमिती हैं। सिनाए प्राय  ऐस स्थान पर ष्टिखी जाती हैं, जहा िोगोों द्वारा वे आसानी से
                                                                             ु
                                         ें
                                   ें
                                                                                              ः
                 े
               दखी और पढी जा सक। इन्ह कॉिोष्टनयोों और ररहायशी इिाकोों क े मख्य द्वार पर या प्राय  कॉिोनी क े
                                            ैं
                 ू
               सिनापट्टोों पर ष्टिखी ष्टमि जाती ह।

                        े
                 ू
               सचना लखन की परिभाषा  -
                                                                                             े
                                                                                                ू
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                                                             ों
               सिना कम शब्ोों में औपिाररक शिी में ष्टिखी गई सष्टिप्त जानकारी होती ह। ष्टकसी ष्टवशष सिना को
                   च
                                       े
                                                     ै
                                 ू
               सावजष्टनक करना सिना िखन कहिाता ह।
                                                                     े
                 ू
                                                                          च
                                                                 े
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                                  ों
               दसर शब्ोों में – ष्टदनाक और स्थान क े साथ भष्टवष्य में होन वाि कायक्रमोों आष्टद क े ष्टवषय में दी गई
                                 ू
                                                ै
               ष्टिद्धखत जानकारी ‘सिना’ कहिाती ह।
                                                                                            ै
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                                                                 े
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                                ों
               सरि शब्ोों में – सबष्टित व्यद्धियोों को ष्टवशष जानकारी दना ही सिना िखन कहिाता ह।
                 ू
                        े
                                      े
                                                 ें
                                       े
               सचना-लखन में ध्यान दन योग्य बात-
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                      सिना प्राय  तीन या िार वाक्योों में ष्टिखी जानी िाष्टहए।
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