Page 1 - LESSON NOTES-KARAK
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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
SHS
GRADE – VIII
ND
2 LANG. (HINDI)
पाठ- कारक
Lesson Notes –
Learning objective &
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कारक की सामान्य विस्तार पिक जानकारी ग्रहण कर पाएग |
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िाक्य द्वारा कारक का प्रयोग और पहचान कर पाएग |
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कम कारक और सप्रदान कारक में अतर कर पाएग |
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कारण कारक और अपादान कारक में अतर कर पाएग |
वनयमों की जानकारी हो पाएगा
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लखन कौशल में िद्धि होगी ।
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जीिन में व्याहाररक प्रयोग कर पाएग ।
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उदाहरणों और अभ्यासों क े माध्यम से िाक्य में वकस तरह प्रयोग वकया जाता है इसका अनभि
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प्राप्त करग।
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रचनात्मक लखन क े जररए व्याकरण को व्यिहाररक ऱूप से लाग करन का अभ्यास करग।
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मौद्धखक और वलद्धखत गवतविवियों से वहदी व्याकरण की अपनी पकड़ मजबत करग।
पररचय
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चारू ने डड से कच्ची इमली को पड़ से तोड़ा और नहा क े ललए उन्ह एक टोकरी में रख लिया | वह
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नहा से बोली “ अर नहा ! इमली से चटनी बना लना |”
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उपयक्त वक्ों में रखालकत शब्द सज्ञा या सवनाम का वाक्ों क े अन्य शब्दों से सबध जोड़ रह हैं |
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इन सबध जोड़न वाल रखालकत शब्दों को कारक कहत हैं |
कारक : -
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सज्ञा या सिनाम क े वजस ऱूप से िाक्य क े अन्य शब्ों क े साथ उसक सम्बन्ध का बोि होता है, उस े
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कारक कहत ह। वहन्दी में आठ कारक होत हैं- कता, कम, करण, सम्प्दान, अपादान, सम्बन्ध,
अविकरण और सम्बोिन।