Page 2 - CH- DIJIBHARATAM (LIT) WS-1
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(ग) कः
               (घ) का



               (iii) कगतदोद्योगे वृक्षाणाम् उियोगेन वृक्ाः कर्तयतन्ते स्म।

               (क) कस्य
               (ख) कस्याः
               (ग) कासाम्

               (घ) कषाम्
                     े


               (iv) ियाविणसुिक्ायाः ददशि महान् उपकाराः भपवष्यतत।
                       त
               (क) का

               (ख) कः

               (ग) क
                     े
               (घ) ककम्



               (v) अद्य आपणे वस्तुक्रयाथतम् रूप्यकाणाम् अतनवायतता नास्स्त।

               (क) ककम्
               (ख) क ु तः

               (ग) क ु त्र
               (घ) क
                     े


               (vi) बहपवधाः अनुप्रयोगाः (APP) मुद्राहीनाय पवतनमयाय सहा्कााः सस्न्त।
                      ु
               (क) कीदृिाः
               (ख) क
                      े
               (ग) कः
               (घ) कतत



               (vii) अद्य िलयात्राित्रस्य अननवा्ाता नास्स्त।
                           े
               (क) कः
               (ख) ककम्

               (ग) काः
               (घ) का
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