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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
SLRC
CLASS-IX
MIND MAP –DHARM KI AAD-2
धम क आड
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लेखक क अनसार देश क वाधीनता सं ाम क अंत म लेखक ारा तथाकिथत धा मक और आि तक
समय धमा चाय व मौलिवय को अिधक लोग से कही अिधक अ छ नाि तक व मानवता क
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शि शाली बना देन से ही वतमान म धम क पुजा रयो को कहना जो दूसर क सुख-दुख का
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नाम पर उ पात व पंच अिधक फ़ला है । याल रखत है ।
अपने वाथ क िलए दूसर को लडाना
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िभडाना जैसे पशु कम छोडकर दूसर
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क भलाई करन जैसे मानवीय काय
करने से वा तव म ई र को स
कया जा सकता है ।
गाँधी जी ारा उदार त व को ही धम लेखक ारा धा मक कम का ड जैसे अजाँ
मानना व श आचरण व सदाचार को देना, शंख बजाना, आ द को ही धा मक
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ही धम क प िच न मानना । न मान कर क दय म क याण क
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भावना को धम माना ।