Page 1 - MM-Dharm Ki Aad-2
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SAI INTERNATIONAL SCHOOL


                                                         SLRC

                                                      CLASS-IX

                                       MIND MAP –DHARM KI AAD-2









                                                 धम  क  आड








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           लेखक क अनसार देश क   वाधीनता सं ाम क                    अंत म  लेखक  ारा तथाकिथत धा मक और आि तक
           समय  धमा चाय   व  मौलिवय   को  अिधक                     लोग  से कही अिधक अ छ नाि तक व मानवता क
                                                                                        े
                                                                                                          े
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           शि शाली बना देन से ही वतमान म  धम  क                    पुजा रयो  को  कहना  जो  दूसर   क  सुख-दुख  का

                                    ै
                                                                            े
           नाम पर उ पात व  पंच अिधक फ़ला है ।                        याल रखत है ।
                                           अपने  वाथ  क िलए दूसर  को लडाना
                                                      े
                                           िभडाना जैसे पशु कम  छोडकर दूसर

                                                        े
                                           क   भलाई  करन  जैसे  मानवीय  काय
                                           करने  से  वा तव  म   ई र  को   स
                                            कया जा सकता है ।
            गाँधी जी  ारा उदार त व  को ही धम                               लेखक  ारा धा मक कम का ड जैसे अजाँ
            मानना व श  आचरण  व सदाचार को                                   देना, शंख बजाना, आ द को ही धा मक
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            ही धम  क  प  िच न मानना ।                                      न  मान  कर  क     दय  म   क याण  क
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                                                                                       े
                                                                           भावना को धम  माना ।
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