Page 1 - LESSON NOTES-2
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SAI INTERNATIONAL SCHOOL



                                                         SLRC


                                                   GRADE – VII



                                                ND
                                              2  LANG. (HINDI)


                               ikB & ohj dq¡oj flag


               Lesson notes :


               Learning objective –

               dq¡oj flag dh rjg lkglh vkSj mnkjrk ds lkFk&lkFk LofHkekuh Hkh gksuk A


               izLrkouk & ;g ys[k Lora=rk lsukuh ohj ;ksn~/kk dq¡oj flag ds thou o
               mudh ohjrk dh >yd izLrqr djrk gS A


               ikB dk lkj &


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                                                                                          े
                                 ुं

                                                            ै
                                                                     ू
                                                        ें
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                                                                           े
                                                                                                      त
                       वीर कवर स ह का जन्म नवम्बर 1777 म उज्जसनया राजपत घरान म सिहार राज्य क शाहािाद (वतमान

                                                                                    ुं

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                                                     े
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               भोजपर) सजल क जगदीशपर म हुआ था. इनक सपताजी का नाम राजा शाहिजादा स ह और माता का नाम रानी
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                       े
               पचरतन दवी था.
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                                                                                ुँ

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                                                                                     ुं
                                                                             े
                                                                     े

                                                                                        े
                                                                        ुं
                       वीर कवर स ह मालवा क  प्रस द्ध शा क महाराजा भोज क वशज थ. कवर स ह क पा  िड़ी जागीर थी.
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                                                                                                       ुं
                                                                                      ें

                                                                                             े
                                                                े
               सकन्त उनकी जागीर ईस्ट इसिया कम्पनी की गलत नीसतयोुं क कारण छीन गयी थी. इन्ह भारत क प्रथम स्वतत्रता
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                                                            त
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                ग्राम क महानायक क ऱूप म जाना जाता ह जो 80 वर् की उम्र म भी लड़न तथा सवजय हास ल करन का  ाह
                                                                             ें
                                                               े
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                                                                                            े
                                                                                   ुं
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               रखत थ. अऩॎयाय सवरोधी व स्वतत्रता प्रमी कवर स ह कशल  ना नायक थ. इन्ह िाि कवर स ह क नाम   भी जाना
                     ैं
               जाता ह.
                                                                   े
                                                                     े
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                                                                                                        े
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                                  ें
                       सिसिश  ना म भारतीय जवानोुं को भदभाव की दृसि   दखा जाता था और भारतीय  माज का अग्रजी
                                                                              े
                                                                    ें
                                                                                                 ुं
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                                                                      ुं
                रकार क सवरुद्ध अ तोर् चरम  ीमा पर था. यह सवद्रोह 1857 म मगल पाि क िसलदान   ओर ज्वलत िन गया.
                                                                 ुं

                                                                          े
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               इ ी दौरान सिहार क दानापर म वीर कवर स ह क नतत्व म क्ातकाररयोुं न 25 जलाई 1857 को आरा नगर (आमी
                                                                 ुं
                                                                                                        ू
                                                                               त
                                                                                                     े
                                                                                             ें
                                                           ुँ

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                े
               रसजमि) पर असधकार प्राप्त कर सलया. इ  दौरान वीर कवर स ह की उम्र 80 वर् की थी. इ  उम्र म भी उनम अपव  त

                                                                े
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                                                             े
                                                                                    े
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                ाह , िल और पराक्म था. लसकन सिसिश  ना न धोख   अत म कवर स ह की  ना को परासजत सकया और

                                                     े
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                                                                             ुँ
                                                                    ुं
                                                                                                े
                                     े
               जगदीशपर को परी तरह   नि कर सदया. इ क िाद वीर कवर स ह अपना गाव छोड़कर लखनऊ चल गए थ.

                                                                                                  ै
                                                                            ुं
                                                                                               े
                                                                                             े
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               इन्होुंन  23  अप्रल  1858  म, जगदीशपर क  पा   असतम  लड़ाई  लड़ी। ईस्ट  इसिया  कपनी क  भाड़  क   सनकोुं  को
                                                                                                  े
                                                                                                     ू
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                                                                                                े
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               इन्होुंन परी तरह खदड़ सदया। उ  सदन िरी तरह घायल होन पर भी इ  िहादर न जगदीशपर सकल   "यसनयन
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