Page 1 - Microsoft Word - CH-1 GODOHAN Mind map
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SAI  INTERNATIONAL  SCHOOL


                                             SUB – SANSKRIT (CLASS – IX )

                                                   MIND MAP (CHAPTER – 4)




















                                                          गोदोहनम     ्










                                            ्

                                                                                 ृ
                                                                    ्
                                                                                            ं
                                       लोभात सवनाशः इ   न उप र आध  नाटक




                                      ्
                                                                                         े
                                                                            ृ
                                                                        ं
                                                             ं
                                             ुं

                              ्
                                                                                                  ं
                       कि त धनवान भिवत एकमासपय  दु दोहन न क ा मासा  एकवार

                                                  ं
                                                                                ु
                                                              ं
                                                                                                    ्
                         े
                                          ं
                                      ं
                                  े
                                                                                      ्
                       धनोः शरीर सिचत  अिधक दु िव य क र ित इित मखवत आच रतवान।
                          े
                                                                        ्
                                                       े
                  मासा  यदा सः दु दोहनाय  यतत तदा दु िब दुम अिप न  ा ोित। दु  ा   थान                     े
                                    ं
                    े
                                                  ्
                             ै
                  धनोः  हारः र रिजतः अभवत।
                                                                                े

                                            ं
                                     ै

                                                                       ृ
                                                                     ं
                                                                  ं
                     सः अवग ित दन  न काय यिद मासपय  सग  ि यत तदा लाभ   थान                          े
                          े
                    हािनरव भवित।
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