Page 3 - Home Assignment
P. 3

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               प्रश्न 3-बिाइए तक च र ं न क्या स च कर नट स बाि की?


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                                                           ै
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                                                    े
               प्रश्न 4- नट क मना करन पर च र ं न उसक साथ कसा बिाव तकया?
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               प्रश्न 5- pksjksa us pkdw fn[kkrs gq, uV ls D;k dgk \


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                                                             ु
                                                                                                   ु
                                                                                  म
                                                                                                         े
                            ै
                                                                         ु
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                                                     म
               कहा जािा ह तक यनान क प्रतसद्ध दाशतनक सकराि का मख सौंदय तवहीन था. तकन्त उनक
                                                                                                े
                         ें
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                                                      ः
                              ं
                                                                                  े
                                                                                     े
                                                                          ं
                                                                 ें
               तवचार ं म अत्यि प्रबि सन्दरिा थी अि  ि ग उन् बहुि पसद करि थ. एक बार व अपन               े
                        े
                                                                            ु
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               तशष्य ं क साथ बठ हुए थ, िभी एक ज्य तिषी वहा आया वह सकराि क  जानिा नहीं था.
                                                                     ु
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                                                                 े
               उसन सकराि का चहरा दखकर बिाया तक िम्हार नथन ं की बनावट बिा रही ह तक िमम                   ें
                                                                      े
                                                                                               ु
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                                                             ु
                                                                                                  ु
               क्र ध की भावना अत्यि प्रबि ह. यह सनकर सकराि क तशष्य नाराज ह न, तकन्त सकराि
                                                                                           े
                 े
                                                                                 ृ
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                      ें
                                                                                       ु
                                                                   े
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                                                  े
               न उन् र क तिया. ज्य तिषी न आग बिाया तक िम्हार तसर की आकति िम्हार िािची ह न               े
                                                                                       े
                                                                                 े
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               का प्रमाण द रही ह, ठठडी की बनावट स िम सनकी और ह ठ ं स िम दशद्र ह क तिए
                                                                                         ु
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               ित्पर प्रिीि ह ि ह . यह सनकर सकराि न ज्य तिषी क  परस्कार तदया. सकराि क तशष्य ं
                                                                    े
                                                                                       ैं
                                                                        े
                                                                                 ु
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                                                                            ु
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                                                                          ु
                                                                            म
                                                                                             ु
                                 ू
                                          ु
               न इसका कारण पछा ि  सकराि न स्पष्ट तकया तक य सार दगण मझम ह तकन्त ज्य तिषी
                 ु
                                                                   े
                                                                                                      ं
                               े
                                                                                           ु
                                                                                         ु
                                                    े
                                                                                           म
                     ें
                                                                              ैं
               मझम द्धस्थि तववक की शद्धक्त क  न दख सका तजसक कारण म इन सभी दगण ं क  तनयत्रण
                 ें
                          ाँ
                                ं
                                                                                     ै
                                                                           ृ
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                                                                                           ु
                                                                                           म
                                                                                                      ू
               म रखिा ह. हर इसान क  अपन भीिर द्धस्थि तववक क  जागि कर सदव दगण ं क  काब म                  ें
               रखना चातहए.
                                                                             े
                     म
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               उपयक्त अपहित गद्ाश क आधार पर हनम्नहलद्धखत प्रश्नों क उत्तर दीहजए –
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                प्रश्न 1- सकराि तकस दश क तनवासी थ?
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                प्रश्न 2 – सकराि दखन म कस थ?
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                प्रश्न 3 – ज्य तिषी न उनक नथन ं क  दखकर क्या कहा?
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                प्रश्न 4 – ज्य तिषी न तसर की आकति दखकर सकराि क बार म क्या आकिन तकया?
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