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SAI INTERNATIONAL  SCHOOL



                                                         SLRC


                                                        nd
                                 Grade – VI - 2  Language - HINDI


                            fo”k; & vifBr x|ka’k ( Annual)



               Home Assignment-





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               1. एक जगल म पररजात का एक पड़ था। पररजात का कोई मकाबला नह ं था। उसक
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               सदरता बजोड़ थ । उसका रग-रूप ननराला था। पररजात को भ  अपन गणों का परा-
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               परा पता था। न ल आसमान म नसर उठाए इस शान स खड़ा रहता, मानों पड़ों का
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                                                                                ें
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                                                    े
               सरताज हो। जब बहार क नदन आत तो पररजात अननगनत नन्ह-नन्ह फलों स लद जाता,
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                                                                                                 ाँ
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               लगता मानों नकस  न आकाश स सार तार तोड़कर पररजात क  शाखाओं पर टाक नदए
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                                                                                ं
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                                                                                            े
               हो। नन्ह फलों स निलनमलाता पररजात जब सगध भर  पराग जगल म नबखरता तो
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               जगल नदन बन जाता। चबक क  तरह पररजात सबको अपन  तरफ़ ख ंचता, नजस                        े
                                                            ं
                                                                                               ाँ
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               दखो, वह  पररजात क  तरफ़ भागता । सतरग  शाल ओढ चटक ल  नततनलया सहनलयों
                                                                        े
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                                                                                                ू
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               क साथ िुंड का िुंड बनाकर पररजात का श्गार दखन आत ं तथा जात-जात फलों को
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               ख ंचकर ढरों पराग अपन साथ ल जात ।
               प्रश्न
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               (क) जगल म नकसका पड़ था?
               (i) न म
               (ii) पररजात
               (iii) प पल
               (iv) आम
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                                              ं
               (ख) पररजात अपन आप को स्वय क्या समिता था?
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               (i) पड़ों का सरताज
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               (ii) पड़ों का दास
               (iii) ईश्वर
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               (iv) इनम स कोई नह ं
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               (ग) वह अननगनत फलों स कब लद जाता था?
               (i) बहार म  ें
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